Name | सप्त गाथा (सप्त कादै) |
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Language | hindi |
No. of Pages | 60 |
Author |
हिन्दी अनुवाद : श्रीमती अमिता मूल ( तमिऴ् में) – श्री सारथि तोताद्रि |
Description | विळान्जोलैप्पिळ्ळै, जो पिळ्ळै लोकाचार्य के वास्तविक आचार्यर्निष्ठ शिष्य हैं जिन्होंने श्रीवचन भूषण दिव्य शास्त्र के सार को पूरी तरह से आत्मसात किया, उनकी विशेष कृपा से, केवल सात पासुरों में इसके अर्थ को सुन्दरता से प्रस्तुत किया जो सरलता से समझने योग्य है।करुणापूर्ण पिळ्ळै लोकम् जीयर ने इस सप्त गाथा के रुप में एक उत्कृष्ट भाष्य की रचना की। |
Available Languages | thamizh,english,hindi |
Book Code | H-58-SKV-01-D |
Kindle Link | |
eBook | https://drive.google.com/file/d/1ZfR9TJM_eaJrdBwf_fVlLj5-LbWF-Q7O/view?usp=sharing |
Minimum Donation | INR 50 |