
Name | श्रीराम लीलाएँ और उनका सार |
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Language | hindi |
No. of Pages | 46 |
Author |
हिन्दी अनुवाद : केशव रामानुज दास मूल ( आँग्ल में) – श्री सारथि तोताद्रि |
Description | हमारे आचार्य परम्परा में सबसे दयापूर्वक आचार्य पेरियवाच्चान् पिळ्ळै ने, जिन्हें व्याख्यान चक्रवर्ती नाम से गौरवान्वित किया जाता है, श्रीराम की इतिहास का वर्णन करते हुए एक सुंदर गद्य की रचना की, पासुरप्पडि रामायणम् नामक, जो आऴ्वारों के प्रबंधों के दिव्य शब्दों से रचित है। हम इस प्रबंध का अनुसरण करते हुए श्रीराम लीलाओं का उनके सार सहित अनुभव करते हैं। |
Available Languages | thamizh,english,hindi |
Book Code | H-73-SRLTE-01-D |
Kindle Link | |
eBook | https://drive.google.com/file/d/111OK-c8iF5wChmtDz05Tl-7x0aB78PIi/view?usp=sharing |
Minimum Donation | INR 35 |